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नेताजी की गढ़ को क्या बचा पाएगी डिंपल यादव? मैनपुरी लोकसभा सीट पर कल मतदान

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उत्तर प्रदेश की राजनीती में एकक्षत्र राज करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव, जिनके निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा का यह वीआईपी सीट खाली हो चुका था। अब वहां 5 दिसंबर (कल) एक बार फिर मतदान होने जा रहा है, लेकिन इस बार मुकाबला कुछ ज्यादा ही रोचक और दिलचस्प होने की उम्मीद है।

इस बार यहां समाजवादी पार्टी की तरफ से मुलायम सिंह यादव की बहु और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैदान में हैं तो बीजेपी की तरफ से प्रेम रघुराज सिंह शाक्य मैदान में हैं जिन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में नेताजी तक को पानी पिला दिया था। हालांकि जीतने में शाक्य असफल रहे थे।

नेताजी के गढ़ को बचाने की चुनौती, पूरा यादव परिवार उतरा डिंपल के समर्थन में

पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की निधन के बाद मैनपुरी का यह सीट खाली हो गया था। इस सीट पर 5 बार के चुने गए सांसद नेताजी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि 1996, 2004, 2009, 2014 और 2019 में मोदी और बीजेपी की लहर के बावजूद नेताजी ने इस सीट पर साइकिल दौड़ाई थी। 2019 में हुए आखिरी लोकसभा चुनाव में इस सीट पर मुलायम सिंह यादव को जहां 5 लाख 24 हजार 926 वोट पड़े थे, तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रेम सिंह शाक्य को 4 लाख 30 हजार 537 वोट पड़े।

अब नेताजी की बहु डिंपल यादव को समाजवादी पार्टी ने इस सीट से उतारा है। जिनकी समर्थन में चाचा शिवपाल यादव से लेकर पति अखिलेश यादव तक उतर कर लगभग एक महीने तक जोर शोर के साथ चुनावी प्रचार प्रसार किया गया है। डिंपल के सामने मुकाबला चुनौतीपूर्ण इसलिए भी हो जाता है कि भाजपा ने यहां से लगभग हर बार के अपने हारे हुए प्रत्याशी प्रेम रघुराज सिंह शाक्य को ही उतारा है। लेकिन तब नेताजी की लोकप्रियता की वजह से शाक्य जीतते-जीतते रह जाते थे। इस बार शाक्य के पास अच्छा मौका है अपनी हार के सिलसिले को तोड़ने का। आपको बता दें इस सीट पर शाक्य कम्युनिटी के मतदाता की संख्या दूसरे नंबर पर है।

सीएम योगी की दहाड़ रामपुर-आजमगढ़ जीते, अब मैनपुरी की बारी

राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी रैलियों में दहाड़ लगाते हुए कहा, कि नेताजी के आशीर्वाद से हमने रामपुर और आजमगढ़ की लोकसभा सीट पर जीत दर्ज किया है और अब बारी मैनपुरी की है। इससे पहले 28 नवंबर को करहल में आयोजित जनसभा में सीएम योगी ने अपने भाषण की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि देते हुए की थी।

भाजपा प्रत्याशी पूर्व सांसद और पूर्व विधायक रघुराज सिंह शाक्य नेताजी के पुराने शिष्य भी रहे हैं, साथ ही वह लंबे समय तक समाजवादी पार्टी में भी रहे हैं। बात अगर 2019 में हुए उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीट पर चुनावी नतीजे की करें तो राज्य में मौजूदा वक्त में बीजेपी के पास 64, उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल 2, समाजवादी पार्टी 2, बसपा 10 और कांग्रेस के पास 1 सांसद मौजूद है। वहीं मैनपुरी की 1 सीट खाली है। जहां 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे।

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