अरुणाचल प्रदेश के तवांग में गलवान पार्ट-2 करने आए चीनी सैनिकों को मिला मुहतोड़ जवाब, कई घायल
भारत अपने दो बिगड़ैल पड़ोसी चीन और पाकिस्तान दोनों से परेशान है। इस बार परेशानी पैदा की है चीन की PLA सेना ने, जिसने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में एक बार फिर घुसपैठ कर भारतीय सैनिकों के साथ हाथापाई की है। लेकिन हमेशा की तरह इस बार भी चीन को मुंह की खानी पड़ी है। यह जानकारी 13 दिसंबर को संसद की शीत-सत्र के दौरान गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया है। रक्षा मंत्री ने बताया की तरफ से किसी भी सैनिक के घायल या शहीद होने की खबर नहीं है।
15 दिन से जारी था तनाव, 9 दिसंबर को चीनी सैनिकों ने कर दिया हमला
भारत की तरफ से LAC पर बीते कई दिनों से चीनी ड्रोन को देखा जा रहा था, जिसके बाद भारतीय सेना ने सुखोई-30 विमान तैनात कर दिए, जिसे देखते ही चीनी ड्रोन भाग खड़े हुए, लेकिन फिर 9 दिसंबर को चीनी सैनिकों ने तवांग के यांगत्से में LAC पार कर भारतीय पोस्ट पर हमला कर अतिक्रमण करने की कोशिश की। जिसके लिए पहले से ही तैयार बैठे भारतीय जवानों ने चीन का डंटकर सामना करते हुए उन्हें वापस भगा दिया है। दोनों सेनाओं की तरफ से चली इस संघर्ष में कुछ चीनी सैनिकों को चोट भी आई है, वहीं भारत के भी 6 जवानों को इलाज के लिए गुवाहाटी अस्पताल में लाया गया है।
दरअसल चीन यांगत्से में भारतीय सेना की मौजूदगी का लगातार विरोध करता रहा है। पिछले कुछ समय से LAC पर चीनी सेना काफी आक्रामक रवैया अपनाए हुए हैं। भारतीय कमांडर ने क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए चीनी समकक्ष के साथ बैठक भी की है।
गलवान पार्ट-2 होते-होते रह गया, पूरी तैयारी के साथ आई थी चीनी सेना
चीन अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा और ना ही सुधरने का नाम ले रहा है। एक बार फिर गलवान की तरह ही घटना को अंजाम देने करीब 300 की संख्या में आए थे चीनी सैनिक। यांगत्से इलाके में भारतीय पोस्ट को हटाने पहुंचे थे चीनी सैनिक। चीन के सैनिकों के पास कंटीली लाठी और डंडे थे। भारतीय सेना ने इस बात की भनक लगते ही तुरंत मोर्चा संभाल लिया। खबर के मुताबिक, इस संघर्ष में चीन के ज्यादा सैनिक घायल हुए है। अपनी हार होता देख चीनी सैनिक वापस भाग खड़े हुए।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, भारतीय एयरफोर्स चीन की गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हमेशा किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार है, क्योंकि ड्रोन या किसी भी विमान को हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। सेना के मुताबिक ड्रोन भारत की सीमा की ओर उड़ते हुए दिखे, तो किसी भी उल्लंघन को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे. नॉर्थ ईस्ट में भारतीय एयरफोर्स की मजबूत उपस्थिति है। असम में तेजपुर और छबुआ समेत कई स्थानों पर Su-30 लड़ाकू जेट विमानों के स्क्वाड्रन मौजूद हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में राफेल जेट की स्क्वाड्रन है। इतना ही नहीं भारतीय सेना ने असम सेक्टर में डिफेंस को मजबूती देने के लिए रूसी S-400 एंटी मिसाइल सिस्टम की भी तैनाती कर रखी है।