बरेली से एक ऐसी खबर सामने आ रही है, जिससे लोगो का यकीन पुलिस से हट सा गया है । लोगो की रक्षा के लिए तैनात पुलिस ही जब उनकी मौत की वजह बन जाय तब लोग अपनी समस्या लेकर किस के पास जाएंगे। एक ऐसी ही घटना बरेली से सामने आ रही है जहाँ एक पिता ने पुलिस के कारण मौत को गले लगा लिया। कई दिनों से लापता हुई बेटी को खोजने की बात जब लाचार पिता ने पुलिस से कही तब पुलिस ने उस दुखी पिता से 1 लाख रूपए का डिमांड कर दिया। गरीब पिता के पास इतना पैसा नहीं था जो वो उन पुलिस कर्मियों को दे पाए और न ही इतनी हिम्मत की अपनी बेटी के अगवा होने के बाद जी पाय। वो लाचार पिता घर वापस आकर अपने आप को फंदे से लटका लेता है।
यह पूरा मामला बरेली का है, जब कई दिनों से लापता हुई बेटी नहीं मिल पाती है, तब पिता थाने जा कर पुलिस कर्मियों से उसकी बेटी को तलाशने के लिए कहते है, लेकिन पुलिस उसकी बेटी को खोजने के लिए 1 लाख रूपए का रिश्वत मांगती है। जिसके बाद वह आत्महत्या कर लेता है। मृतक का नाम शिशुपाल था, जिसकी उम्र 45 वर्ष थी। मरने के बाद पुलिस अफसर करवाई की बात कर रहे है। शिशुपाल को जानने वाले ने बताया है की रामनगर पुलिस चौकी प्रभारी राम रतन सिंह ने शिशुपाल से उसकी बेटी को खोजने के लिए पैसे मांगे थे। अफसरों ने बताया है की रतन सिंह को हटा दिया गया है।
शिशुपाल ने बेटी की गुमशुदगी का FIR 9 अप्रैल को आंवला पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी। उन्होंने बेटी को लापता कराने का आरोप बंटी, मुकेश, और दिनेश पर लगाया था। जब शिशुपाल की आत्महत्या की खबर राम रतन सिंह तक पहुंची तो उन्होंने उसके जेब से मिला सुसाइड नोट को फाड़ दिया था। जिसके बाद सारी जानकारी गांव के लोगो ने पुलिस को दी, और रतन सिंह को पकड़ कर के पुलिस के हवाले भी किया।